Page 253 - Cascade I SHPS School Magazine 2024
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मेरी




            प्रिय                                                                           कया कष्णमेोहन
                                                                                             े
                                                                                                  ृ
                                                                                            IV B

            टटकल
                  ं











               े
              े
            मर घर म एक मछलीघर ह     ै
                    ें
                                   ँ
                 ं
                       ं
                ँ
            जहा रग-कबरगी  मछकलया हI  ैं
            कटकल नाम ह मरी प्ारी मछली का,
                        ै
              ं
                          े
            जो बहुत सदर हI ै
                      ं
                      ु
              ैं
                      े
            म उसकी दखभाल करती हू,   ँ
                           े
                  ु
            रोज़ सबह चारा दती हूI ँ
                        ै
            बिी सयानी ह मरी जलपरीI
                           े





                         अनि कष्णन
                             ं
                                ृ
                         VI B








                                    आम                                   स्ाद म खटिा, मीठा
                                                                               ें
                                                                                    ें
                                                                              ै
                                                                         बात ह इसम कोई खासI
                                                                                        े
                                                                                  े
                                                                         हर कोई दख इस ललचाय,
                                                                         कबन खाए किर रह न पाए,  े
                                                                              े
                                                                         गमती क मौसम म आता,
                                                                                       ें
                                                                         िलों का राजा कहलाता हI ै


                                                                                             Cascade         253
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