Page 248 - Cascade I SHPS School Magazine 2024
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संघर््ष-जीवन का
दूसरा नाम अलीना एस
XII A
बु रा वक्त वह कतजोरी ह जहा कामयाबी क
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हकथयार कमलत ह ৷ कहत ह बरा वक्त एक
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मज़बत इसान को पदा करत ह, और वह मज़बत
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इसान अपन कलए अच्ा समय लकर आता ह।
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हम सबक जीवन म मसीबत आती ह कछ परर-
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वतन करन क कलए, एक बिा बदलाव लान क
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कलए। यह सघर् का एक बहुत बिा पहल ह।
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राम राजा बनन जा रह थ, मसीबत आई और
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उन्ह 14 साल का वनवास हुआ। कपता दशरथ न े
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कहा " बटा त मना कर द, वादा तो मनन ककया
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था। त वनवास क कलए मत जा।" पर राम टस
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स मस नहीं हुए। वह मा ककयी क आदश स े
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मकर नहीं। 14 साल तक जगल म रह, और इस
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जगल म रहकर भगवान बन।
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रावण को मारन क बाद जब भगवान राम
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अयोध्ा वापस लौट तो सबस पहल उन्होंन े
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अपनी उस मा को प्रणाम ककया कजसकी वजह
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स उन्ह वनवास कमला था, क्ोंनकक वह जानत थ े
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कक अगर वनवास न कमलता तो उन्ह सग्ीव जसा
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दोस्त न कमल पाता, हनमान जसा भक्त न कमलता
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और रावण जसा दश्मन न कमलता, कजस मारन स े
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परी दकनया म उनकी जय जयकार हो रही थी।
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हर व्यक्क्त को, वह चाह भगवान ही क्ों न हो,
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जीवन म सघर् करना पिता ह। जो हसकर
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सघर् करता ह वह राजा बनता ह। दकनया म ें
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कोई भी ऐसा इसान नहीं ह कजसन जीवन म ें
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सघर् न ककया हो। लककन कजसन सघर् म हार
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न मानकर सामना ककया हो, वो दकनया पर राज
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करत आए ह।
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