Page 247 - Cascade I SHPS School Magazine 2024
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अदिदि ए मेेंडा
IX A
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बुलद
हौसल
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भी ना कहना अपन आप स, े
ककक नहीं कर पाओगे तुम।
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जो पररश्रम करता ह वह सदा ही जीतता ह,
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जो न कर, वह हार को ही अपनाता ह।
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हार -जीत इस जीवन की प्रथा ह,
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कजसस कोई भी कभी बच न सका ह।
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पर कजसन पररश्रम कबना मान ली हार,
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उस न बचा सका यह ससार।
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बचपन म जब उठ हमार पहल कदम,
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उसस पहल कगर कर उठ थ हम हर दम।
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हौसला था बलद और न था कोई डर,
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न थी हमको ककसी की भी क़िकर।
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जब नादान होकर भी न हार हम,
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किर पढ़ कलख कर क्ों हमार हौसल कम !
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खद को न बाधो बकियों स,
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उठाओ कदम बढ़ो आग कहम्मत स।
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जो हार कर भी आग बढ़ता चला ह, ै
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उसन दकनया म जीत का मज़ा चखा ह।
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