Page 255 - Cascade I SHPS School Magazine 2024
P. 255

अदनरुद्ध टी एस
                                                                                    X C









                                                                 सैप्नकों को




                                                                 मेरा सलाम








                                                                 म          ँ
                                                                     करता हू उनको सलाम,
                                                                     ैंकजन्होंनने हमारी रक्ा के  खाकतर,
                                                                 अपनी जान की बाज़ी लगाई।
                                                                          ँ
                                                                 म करता हू उनको सलाम,
                                                                   ैं
                                                                      न
                                                                                      े
                                                                                       ू
                                                                       े
                                                                             े
                                                                 कजन्होंन अपन पररवार स दर जाकर भी,
                                                                      े
                                                                 हमार पररवार की रक्ा की।
                                                                          ँ
                                                                 म करता हू उनको सलाम,
                                                                   ैं
                                                                      न
                                                                 कजन्होंन अपनी नींद त्ाग कर,
                                                                       े
                                                                      ै
                                                                 हम चन की नींद दी।
                                                                    ें
                                                                          ँ
                                                                   ैं
                                                                 म करता हू उनको सलाम,
                                                                 जो सरहद पर शत् स डटकर कभि,   े
                                                                                   े
                                                                                ु
                                                                                   ु
                                                                                            े
                                                                                े
                                                                 ताकक हम कमत्ों स खलकर कमल।
                                                                          ँ
                                                                               ें
                                                                 म करता हू उन्ह सलाम,
                                                                   ैं
                                                                     ै
                                                                                  े
                                                                                      े
                                                                 जो ह हमार अपन दश क रक्क,
                                                                          े
                                                                                े
                                                                 और जो ह वीरता क कमसाल।
                                                                          ै
                                                                                 े
                                                                                     ै
                                                                         ँ
                                                                 भारत मा क उन वीर सकनक पत्ों को,
                                                                           े
                                                                                           ु
                                                                 मरा सलाम।
                                                                   े
                                                                   े
                                                                 मरा सलाम।
                                                                                             Cascade         255
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