Page 97 - Cascade I SHPS School Magazine 2024
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वि�ी सरश
अ�ाकपका
सुनहरी याद �
हैली कक्ा की ओर जब तमै कदमै बढ़ात हैो,
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पअनकगनत अरमैान �दय मैें िर, अपने पोंख र्ै लाते हैो।
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धीर धीर, अपनी हैसी और मैीिी बातोों स, �दय हैमैारा चरात हैो,
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अपनी मैासकमैयत और शरारत िरी कहैाकनया रोज़ नयी सनात हैो।
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पढ़न कलखन मै मैन न लगन पर, आलसीपन का कशकार हैो जात हैो,
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काय पकत की छोटी- बडी प्रशसा पा, प्रर्स्�त हैोकर इतरात हैो।
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किी अपन बतक प्र�, किी कनरतर उत्तर दोहैरात हैो,
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किी कचकनी चपड़ी बातोों स, अपन �है िर �श स हैमै लिात हैो।
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�ान िटक जान पर, ककसी मैल मै गमैशदा का �प धारण कर लत हैो,
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पाि का अथ समैझ आया तो, नन्ी आखोों की चमैक स हैमै कवजता घोकर्त कर दत हैो।
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ऊजा और रोशनी स िर तार बन, सदव जगमैगात हैो,
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हैमै ककसी स कमै नहैीों दकनया वालोों, यहै प्रमैाकणत कर कदखात हैो।
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हैमै पढात है त�, पर तमै िी हैमै नए पाि कसखात हैो,
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िला कर नर्रत, सहैनशीलता और िाईचार की सदर त�ीर दशात हैो।
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सदव प्रस�, सकक्रय एव प्रय�शील रहैना है कस, हैमै कसखात हैो,
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मै�राकर, कजदाकदली स, गमै को िल जान क कलए बतात हैो।
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शक्कणक वर् की पकत पर, कवदाई विारा जदा हैो जात हैो,
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शिकामैनाए हैमैारी, परी हैर �ाकहैश हैो त�ारी, यहै दआ हैमैशा पात हैो।
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बड़ हैोकर, जब तमै किी कमैलन हैमै आत हैो, या अपन पख र्ला ऊचाइयोों को छ जात हैो,
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उन अनकगनत सनहैरी यादोों क अपार मैहै� को सजीव और साथक कर कदखलात हैो।
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