Page 96 - Cascade I SHPS School Magazine 2024
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थ। अकादमैी मै प्रकशक्ण बहुत हैी ककिन है और यहै कदन-
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प्रकतकदन आपक शारीररक क्मैताओों का इस्�हैान लता है।
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अकादमैी मै हैमैको यहै कसखाया गया कक “मैन क हैार
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हैार है और मैन क जीत जीत।" जो मैन स हैार गया वो सच मै ें
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हैार जाएगा और जो अपन मैन पर काब रखत हुए आग बढ़ता
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रहैता है वहै अपनी मैकज़ल तक सर्लतापवक पहुच जाता है।
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हैमै प्रकशक्ण क दौरान एक मै�राहैट दखन को तरस जात े
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थ। किी-किी तो ऐसा लगता था जस कक हैमैार प्रकशक्क एव ों
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हैमैार सीकनयर हैमै इसान हैी नहैीों समैझत थ, क्ोोंकक उन्ोोंनन े
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हैमै दहैरादन की सदफी मै रात-िर “टोज“ नदी क अदर कसर्
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“क�” पर खड़ा रखा। कई रात हैमैन “रोकलग” करत हुए
कनकाली और सबहै ‘टकनग’ मै िी जाना था। आउटडोर ए�-
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रसाइज मै हैमै २४ घटोों तक कबना पानी और खान क पदल
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आग बढ़त रहैत थ। गकमैयोों मै हैमै गमै सड़क क ऊपर नग े
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हैाथ “पश अप“ और “रोकलग” करत थ। हैमै सबक हैाथोों मै ें
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छाल पड़ हैोत थ परत हैमै पर कोई दया नहैीों कदखाई जाती
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थी। डढ़ साल की इस यातना क बाद हैमैन “पाकसग आउट
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परड“ मै अपना अकतमै पग कलया और तब जाक हैमै सना मै ें
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“लस्फ़्टनट अकधकारी” बन।
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आज जब मै उन परान कदनोों को याद करता � तो मैझ े
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यहै एहैसास हैोता है कक वहै प्रकशक्ण एक सकनक जीवन
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का अकनवाय पहैल है, कजसक कबना एक सकनक अपनी सवा
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क दौरान आन वाली कवपरीत पररस््थथकतयोों एव शारीररक
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यातनाओों को नहैीों सहै सकगा। हैमैार दश की सना कहैमैालय
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पहैल मै िी ऐस सोचता था क्ोोंनकक तब मैर पास घर क की बर्फीली चोकटयोों स लकर थार क रकगस्ान तक िारतमैाता
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सार एशो आरामै मैौजद थ, जस कक मैा का �ार, समैय पर की सीमैाओों की रक्ा करत है, और यकद व उस प्रकशक्ण स े
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‘गरमैागरमै खाना‘, गमैफी मै ‘वातानकलक’, सकदयोों मै ‘�मै हैीटर‘ नहैीों गज़रत, वहैा ‘मैन क ऊपर मैस्स्ष्क’ की कवजय पाना नहैीों
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और गमै कबल, मैोबाइल, इटरनट, कसनमैा, मैॉल इ�ाकद। कसखाया गया हैोता तो वहै अपन दश की सवा एव सरक्ा नहैीों
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परत कर्र मैर जीवन न एक मैोड़ कलया और मै िारतीय सना मै ें कर सकग ।
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ऑकर्सर बनन क कलए चना गया। उस कदन मै बहुत खश था िारतीय सना मै सवा करक मैझ यहै समैझ आया कक
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परत मैरी सारी खशी ‘िारतीय कमैकलटरी अकादमैी‘ दहैरादन जीवन मै हैमै कष् सहैन की क्मैता को तिी समैझ सकग े
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क अदर कदमै रखत हैी ख़� हैो गयी। जब हैमै उस कष् स गज़रग। वातानकलक कमैरोों मै बिकर
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‘िारतीय कमैकलटरी अकादमैी’ क विार क अदर और बाहैर क �ान दना बहुत आसान है परत उसी �ान को असली जीवन मै ें
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जीवन मै ज़मैीन और आसमैान का अतर था। जो शारीररक श्मै अमैल मै लान क कलय आपको अपन मैन पर काब रखत हुए
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मैझ कदखन मै आसान लगता था, वो मैझ �य करन पर असहै- किी हैार न मैानन वाल इराद स आग बढ़त रहैना हैोता है।
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नीय लगन लगा था। मैरा जीवन पण �प स बदल चका था, ऐसा तिी आप इस मैानव शरीर की असली क्मैताओों को पहैचान
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लगता था कक जस मै �ग स नरक मै आ गया �। जो सब मैझ े सकग। मै ख़द को बहुत ख़शनसीब समैझता �, ई�र न मैझ े
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पहैल अपनी कज़दगी मै कष् लगता था वो यहैा एक मैामैली-सी यहै मैौका कदया और आज मैर कलय अकादमैी क व कष् वाल े
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बात थी। मै इस बदलाव क कलए कबलकल तयार नहैीों था। कदन एक सनहैरी याद बनकर हैमैशा क कलए मैर कदल मै ें
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‘िारतीय कमैकलटरी अकादमैी’ मैझ एक कबगड़ हुए 'मैा क समैाय हुए है।
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लाल' स एक मैद बनान वाली जगहै थी। यहैा मैझ कष्ोों को अत मै मै यहैी कहैना चा�गा कक जीवन मै कष् आत-जात े
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झलत हुए आग बढ़ना कसखाया गया। मै अपन पररवार जनोों, रहैग परत जो मैन� आग बढ़त रहैग और हैार नहैीों मैानग े
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रर�दारोों एव दोस्ोों स दर हैो गया था परत अब मैरा पररवार वहै इन कष्ोों को हैसत हुए पार करग और अपन ल�ोों को
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मैर कोस वाल साथी थ क्ोोंनकक हैमै सब इस अमैानवीय लगन े हैाकसल करग। मैानव शरीर एक मैकदर है जो कष्ोों को सहैकर
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वाल प्रकशक्ण मै साथ थ और एक दसर क सख-द ख क साथी हैी र्लता-र्लता है।
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